कोई लौटा दे वो पल
आसमान में गर्दशे छाती रहेगी
तारे महफिले सजाते रहेंगे
कल हम न हुए तो क्या
आने वाले हमारा एहसास करते रहेंगे
मस्ती नजरो से छलकती रहेगी
मुस्कराहट मुख से बरसती रहेगी
कोसो मील आपसे रह कर भी
हमारी छाप आप के दिलो बस्ती रहेगी
खग चहकते रहेंगे ,
बाग़ महकते रहेंगे
कालिया चटकती रहेंगी
तारे टिमटामाते रहेंगे
मन मचलता रहेगा
यादे सताती रहेंगी
आशु झरते रहेंगे
नदिया बहती रहेगी
दिल से दुआ निकलती रहेगी
हर दुआ यह कहती रहेगी
फिर लौटा दो वो पल
जो गुजर गए
जो अमिट छाप बना गए
कोई लौटा दे वो पल
जो गुजर गए _ _ _