पल पल किनारा
चलते चलते दिन गुजर गए
चलते चलते रात गुजर गयी
जो दिल में थी बात
वो दिल मे रह गयी
लाल्साओ का सागर उठा
पर उम्मीद का कहा सहारा था
जहा पैर धरा ,
वहा से सौ मील किनारा था
सौ मील किनारा था_ _ _
आशाओ का दीपक जल उठा
जब एक पत्ति का सहारा था
एक उम्मीद उठी दिल में
सायद बगल में किनारा था
पैर बढाया , तो फिसल गया
दूर हो गया जो पत्ति का जो सहारा था ,
डूब गया उस सागर में ,
जहा कोई कहा हमारा था,
ऐसा वो नजरो का नजराना था ,
पर नजर उठा कर मैंने देखा ,
मैं वही था ,
जहा से सौ मील किनारा था
सौ मील किनारा था_ _ _
1 comment:
YR KINARE KI KHOJ TO HUM SAB KR SKTE BUT IN MY OPINION U HAV A GR8888 POTENTIAL TO GET DAT..U SURELLY GET DAT JUST BLEVE ON URSELF ND KEEP WORKING HARD...WHOLE WRLD WILL BEHIND UUUU MY DEAR....
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